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राष्ट्रीय मानवाधिकार एंड एंटी करप्शन मिशन करौली ने मुख्यमंत्री के नाम उप जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

करौली , 24 जनवरी ।  जिला मुख्यालय करौली पर ( जैविक कीटनाशक/ बायो ऐजेन्ट्स) समन्वित नाशीजीय प्रबंधन (IPM) प्रयोगशाला खुलवाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम उपजिला कलेक्टर हिण्डौनसिटी अनूप सिंह को राष्ट्रीय मानवाधिकार एण्ड एन्टी करप्शन मिशन करौली के जिलाध्यक्ष करतार सिंह चौधरी धंधावली के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व में नये कृषि बजट हेतु की गई घोषणा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूरे देश में केवल राजस्थान प्रदेश में ही अलग से कृषि बजट लाया जा रहा है जो कि देश के लिये एक नया रॉल मॉडल साबित होगा । नये कृषि बजट के बारे में सुनकर प्रदेश का किसान वर्ग अति उत्साहित है। 


वर्तमान में किसान वर्ग खेती में आमदनी से अधिक खर्चे की वजह से कर्ज के नीचे दबा जा रहा है। किसान एवं आमनागरिक रासायनिक खेती में उपयोग किये जाने वाले पेस्टीसाइड्स (कीटनाशकों) के दुष्प्रभाव से बुरी तरह प्रभावित है जिससे प्रदेश में कैंसर, एलर्जी एवं चर्म रोग जैसी घातक बीमारियों दिनों-दिन बढ़ती जा रही है एवं कीटनाशकों के प्रयोग से मृदा प्रदूषण के साथ-साथ जलीय जीवों, पशु-पक्षियों व अन्य जीव-जन्तुओं का जीवन भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

कीटनाशकों का अत्यधिक अंधाधुन्ध एवं अधिवेक पूर्ण उपयोग किये जाने से पर्यावरण प्रदूषण मनुष्यों एवं जीव जन्तुओं पर हानिकारक प्रभाव एवं कीटों में कीटनाशी रसायनों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास होकर कीट व्याधि प्रकोप की समस्याओं में लगातार वृद्धि हो रही है तथा कीटनाशकों के लगातार प्रयोग से कम महत्व वाले कीट भी महामारी का रूप धारण कर रहे हैं साथ ही पर्यावरण में उपलब्ध मित्र कीट भी समाप्त होते जा रहे है ओर मिट्टी सब्जियों व पानी में भी कीटनाशकों के अवशेषों की मात्रा निरन्तर बढ़ रही है। कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से पशु-पक्षियों ओर वनस्पतियों के प्राकृतिक संतुलन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। 

कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से उत्पादित खाद्यान्न, फल, सब्जी के आदि के सेवन करने पर पशु-पक्षियों मानव स्वास्थ्य के लिये खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो अनेको पशुपक्षियों की प्रजातियां बिलकूल लुप्त हो जायेगी।

 करौली जिले का किसान रसायन मुक्त जैविक खेती करने के लिये तैयार है । वर्तमान में रासायनिक खेती में मुख्यतः कीट, बीमारियों की रोकथाम हेतु कीटनाशकों एवं फफूंदनाशकों के रूप में जहरीले कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है। जबकि जहरीले कीटनाशकों का जैविक विकल्प मौजूद है, जिसमें मुख्य रूप से बायोऐजेन्ट्स जैसे ट्राइकोडर्मा ट्राइकोग्रामा कार्डस, एनपीवी व्यूवेरिया मेटारिजिम, वर्टिसिलियम, बी.टी., स्यूडोमोनास, पेमिलोमाइसिस, नीमऑयल, अजाडिरेक्टीन आदि का उपयोग करवाकर किसानों, आम नागरिकों जलीय जीवों, पशु-पक्षियों एवं मृदा में पाये जाने वाले सूक्ष्म जीवों के स्वास्थ्य की रक्षा एवं पर्यावरण की सुरक्षा की जा सकती है। यह भी उल्लेखनीय है कि जैविक खेती से किसानों की आमदनी काफी मात्रा में बढ़ेगी तथा जैविक खेती से उत्पादित कृषि उत्पादन विदेशों में निर्यात किया जाना सम्भव होगा। करौली जिले में आईपीएम प्रयोगशाला स्थापित तक नहीं हो पा रही है तथा जैविक कीटनाशकों द्वारा आईपीएम तकनीक की पूरी जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। 

केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जैविक खेती के लिये विभिन्न योजनाओं जैसे परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY), जीरो बजट नैचुरल फार्मिंग (ZBNF). एवं आईपीएम जैसी महत्वपूर्ण योजनाऐं चलाई जा रही है जो जैविक कीटनाशक / बायो ऐजेन्ट्स के बिना सफल नही हो पा रही है चूंकी उक्त जैविक कीटनाशक / यायो ऐजेन्ट्स की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। 

करौली जिला मुख्यालयों पर भी एक आईपीएम प्रयोगशाला की स्थापना करवाई जाये जिससे करौली जिले के किसानों को जैविक कीटनाशकों / बायो ऐजेन्ट्स की निःशुल्क उपलब्धता हो सके साथ ही समस्त किसानों को आईपीएम प्रयोगशाला के अधिकारियों/वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विभागीय प्रशिक्षणों के माध्यम से आईपीएम तकनीक की गहन जानकारी मिल सके एवं कीट बीमारियों की रोकथाम जैविक तरीके से हो सके जिससे फसल उत्पादन की लागत में कमी आ सके और अनावश्यक रसायनों के प्रयोग से बचा जा सके। किसानों को आईपीएम प्रयोगशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षणों द्वारा दक्ष कर जैविक कीटनाशकों, जैविक कारकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए करौली जिले में एक आईपीएम प्रयोगशालाओं की स्थापना अति आवश्यक है। अतः निवेदन है कि करौली जिला मुख्यालयों पर आईपीएम प्रयोगशाला स्थापित करने हेतु नये कृषि बजट में घोषणा करने का श्रम करावे । ज्ञापन देने में राष्ट्रीय मानवाधिकार एण्ड एन्टी करप्शन मिशन करौली जिलाध्यक्ष करतार सिंह चौधरी धंधावली , महासचिव वीरसिंह मावई एडवोकेट , भूरमल एडवोकेट , महेश पटैल , सुरेन्द्र डागुर , कमलेश शर्मा , मनोज शर्मा , अरविन्द शर्मा , दीपक सैन , देवेन्द्र बैनीवाल आदि मौजूद रहे ।

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